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06 September 2020

राहु ग्रह

 

  1. समुद्र मंथन के समय स्वरभानु नामक एक असुर ने धोखे से दिव्य अमृत की कुछ बूंदें पी ली थीं। 
  2. सूर्य और चंद्र ने उसे पहचान लिया और मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु को बता दिया। 
  3. इससे पहले कि अमृत उसके गले से नीचे उतरता, विष्णु जी ने उसका गला सुदर्शन चक्र से काट कर अलग कर दिया। 
  4. परंतु तब तक उसका सिर अमर हो चुका था। 
  5. यही सिर राहु और धड़ केतु ग्रह बना और सूर्य- चंद्रमा से इसी कारण द्वेष रखता है। 
  6. इसी द्वेष के चलते वह सूर्य और चंद्र को ग्रहण करने का प्रयास करता है। 
  7. ग्रहण करने के पश्चात सूर्य राहु से और चंद्र केतु से,उसके कटे गले से निकल आते हैं और मुक्त हो जाते हैं।
  8. भारतीय ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु सूर्य एवं चंद्र के परिक्रमा पथों के आपस में काटने के दो बिन्दुओं के द्योतक हैं जो पृथ्वी के सापेक्ष एक दुसरे के उल्टी दिशा में (१८० डिग्री पर) स्थित रहते हैं। 
  9. चुकी ये ग्रह कोई खगोलीय पिंड नहीं हैं, इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। 
  10. सूर्य और चंद्र के ब्रह्मांड में अपने-अपने पथ पर चलने के अनुसार ही राहु और केतु की स्थिति भी बदलती रहती है।
  11.  तभी, पूर्णिमा के समय यदि चाँद राहू (अथवा केतु) बिंदु पर भी रहे तो पृथ्वी की छाया पड़ने से चंद्र ग्रहण लगता है, क्योंकि पूर्णिमा के समय चंद्रमा और सूर्य एक दुसरे के उलटी दिशा में होते हैं। 
  12. ये तथ्य इस कथा का जन्मदाता बना कि "वक्र चंद्रमा ग्रसे ना राहू"।
  13. राहु पौराणिक संदर्भों से धोखेबाजों, सुखार्थियों, विदेशी भूमि में संपदा विक्रेताओं, ड्रग विक्रेताओं, विष व्यापारियों, निष्ठाहीन और अनैतिक कृत्यों, आदि का प्रतीक रहा है। 
  14. यह अधार्मिक व्यक्ति, निर्वासित, कठोर भाषणकर्त्ताओं, झूठी बातें करने वाले, मलिन लोगों का द्योतक भी रहा है। 
  15. इसके द्वारा पेट में अल्सर, हड्डियों और स्थानांतरगमन की समस्याएं आती हैं। 
  16. राहु व्यक्ति के शक्तिवर्धन, शत्रुओं को मित्र बनाने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक रहता है। 
  17. राहु ध्यान को खींचने को वाला एक ग्रह है।
  18. राहु के पास सिर है, आंखे हैं, दिमाग है परन्तु राहु के पास दिल नहीं है। 
  19. राहु के पास खुद की दृष्टि नहीं है। 
  20. राहु पर जिसकी दृष्टि पड़ती है या युति होती है तो उसे उस ग्रह की दृष्टि मिल जाती है। 
  21. गले के नीचे को भाग न होने की वजह से कुछ नहीं है, भूख नहीं है। 
  22. राहु के पास सुविधा है। राहु उस ग्रह का रूप धारण कर लेता है जिसकी दृष्टि उसको मिलती है। 
  23. वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु ग्रह को नवग्रह में एक स्थान दिया गया है। 
  24. दिन में राहुकाल नामक मुहूर्त (24 मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है।

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