आज के छात्रों को भी नहीं पता होगा कि #भारतीय भाषाओं की वर्णमाला विज्ञान से भरी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की #वर्णमाला में शामिल नहीं है।
*क ख ग घ ड़* - पांच के इस समूह को "#कण्ठव्य" कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।
*च छ ज झ ञ* - इन पाँचों को "#तालव्य" *तालु* कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालू महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
*ट ठ ड ढ ण* - इन पांचों को #मूर्धन्य" कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
*त थ द ध न* - पांच के इस समूह को #दन्तवय* कहा जाता है क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। उच्चारण का प्रयास करें।
*प फ ब भ म* - पांच के इस समूह को कहा जाता है #ओष्ठव्य क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। उच्चारण का प्रयास करें।
क्या दुनिया की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है?
हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व की आवश्यकता है ।
दूसरों को भेजे और हमारी भाषा का गौरव बढ़ाएँ ...