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06 May 2021

81 Combination of Mulank and Bhagyank/ Numerology

 अंकों में कुछ अंक देवता श्रेणी के होते हैं और कुछ अंक राक्षस श्रेणी के। ये अंक अपने ग्रुप में तो सपोर्ट करते हैं पर दूसरे ग्रुप में परेशानियां देते हैं। अंकों की श्रेणियां इस प्रकार हैं:
देवता मित्र अंक:
1(सूर्य), 2(चन्द्र), 3(बृहस्पति) और 9(मंगल)
राक्षस मित्र अंक:
4(राहु), 6(शुक्र), 7(केतु) और 8(शनि)
दोनों का मित्र :
5(बुध)
आप देखिए, 1 से 9 अंकों में, अंक 5 बीच का अंक है, इसके पहले 4 अंक (1, 2, 3, 4) और बाद में 4 अंक (6, 7, 8, 9) आते हैं इसलिए भी ये अंक 5 दोनों को भाता है। न्यूमेरोलॉजी में भी 5 अंक का बहुत महत्व है।   जहां जहां मूलांक देवता अंक है और उसका देवता (मित्र) भाग्यांक से संबंध है, वहां % भाग्यांक सपोर्ट ज्यादा है और जहां देवता मूलांक, राक्षस (शत्रु) भाग्यांक के साथ है, वहां % सपोर्ट कम है। इसी तरह राक्षस अंक, अगर राक्षस(राक्षस मित्र) अंक के साथ है तो % सपोर्ट अधिक है और अगर राक्षस अंक, देवता (राक्षस अंक का शत्रु) अंक के साथ संबंध रख रहा है, वहां % सपोर्ट कम है।
अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि ये अंक कैसे काम करते हैं।

 मूलांक 1 का संबंध,

1-9 भाग्यांक, के साथ देखेंगे। साथ ही 1 मूलांक के साथ सभी भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे। 

मूलांक 1 का संबंध:
कृपया ध्यान पूर्वक देखें और समझें।
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
1 -1 90%
1- 2 70%
1 -3 70%
1 -4 80%
1- 5 80%
1 -6 80%
1- 7- 50%
1 -8 Zero%
1- 9 100%
आपने देखा कि भाग्यांक 9, मूलांक 1 के साथ सबसे अच्छा है। और भाग्यांक 8, मूलांक 1 के साथ बिल्कुल समन्वय नहीं बनाता।
दोस्तों, मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।
अतः 1 मूलांक और 8 भाग्यांक का साथ अत्यधिक परेशानी दायक है।

 

 मूलांक 2 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 2 के साथ सभी भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे। 

 मूलांक 2 का संबंध:
कृपया ध्यान पूर्वक देखें, इसमें आपका अंक भी ही सकता है और समझें।
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
2 1 70%
2 2 30%
2 3 50%
2 4 20%
2 5 60%
2 6 20%
2 7 60%
2 8 Zero%
2 9 20%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 5 और 7 ही मूलांक 2 के साथ अच्छे हैं। और भाग्यांक 8, मूलांक 2 के साथ बिल्कुल समन्वय नहीं बनाता। क्योंकि उसका भाग्य सपोर्ट प्रतिशत शून्य है, ऐसे ही कल आपने देखा कि मूलांक 1 के साथ भी भाग्यांक 8 का प्रतिशत शून्य था।
अर्थात मूलांक 1 और मूलांक 2 के साथ भाग्यांक 8 का भाग्य सपोर्ट शून्य है |
अतः मूलांक 2 के साथ, भाग्यांक 1, 5 और 7 के अलावा कोई भी भाग्यांक सपोर्ट नहीं कर रहा। क्योंकि बाकी सभी भाग्यांक 50% या उससे कम भाग्य सपोर्ट कर रहे है।
(दोस्तों, मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)
अतः 2 मूलांक और 8 भाग्यांक का साथ अत्यधिक परेशानी दायक है।

 मूलांक 3 का संबंध,

मूलांक 3 के साथ सभी भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें, कहीं इसमें आपका अंक तो नहीं है।

  मूलांक 3 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
3 1 60%
3 2 40%
3 3 60%
3 4 50%
3 5 60%
3 6 Zero%
3 7 70%
3 8 40%
3 9 60%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 3, 5, 7 और 9 मूलांक 3 के साथ अच्छे हैं। और भाग्यांक 6, मूलांक 3 के साथ बिल्कुल समन्वय नहीं बनाता। क्योंकि उसका भाग्य सपोर्ट प्रतिशत शून्य है, ऐसे ही आपने देखा था कि मूलांक 1 और 2 के साथ भाग्यांक 8 का प्रतिशत शून्य था।
अर्थात जैसे मूलांक 1 और 2 के साथ भाग्यांक 8 का भाग्य सपोर्ट शून्य है, वैसे ही मूलांक 3 के साथ भाग्यांक 6 का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत शून्य है।
अतः मूलांक 3 के साथ, भाग्यांक 2, 4, 6 और 8 के भाग्यांक सपोर्ट नहीं कर रहे। क्योंकि ये सभी भाग्यांक 50% या उससे कम भाग्य सपोर्ट कर रहे है।
(दोस्तों, मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)
अतः 3 मूलांक और 6 भाग्यांक का साथ अत्यधिक परेशानी दायक है।

  मूलांक 4 का संबंध,

 मूलांक 4 के साथ सभी भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें, कहीं इसमें आपका अंक तो नहीं है।
 मूलांक 4 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
4 1 70%
4 2 20%
4 3 30%
4 4 20%
4 5 50%
4 6 60%
4 7 90%
4 8 20%
4 9 20%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 6 और 7, मूलांक 4 के साथ अच्छे हैं। और बाकी भाग्यांक मूलांक 4 के साथ बिल्कुल समन्वय नहीं बनाते।
अर्थात मूलांक 4 के साथ भाग्यांक 7 का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत सबसे अधिक है(90)
अतः मूलांक 4 के साथ, भाग्यांक 2, 3, 4, 5, 8 और 9 के भाग्य प्रतिशत सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।क्योंकि ये सभी भाग्यांक 50% या उससे कम है।
(दोस्तों, मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)
अतः 4 मूलांक और 2, 4, 8 व 9 भाग्यांक का साथ अत्यधिक परेशानी दायक है।

 

मूलांक 5 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 5 के साथ भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें,
मूलांक 5 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
5 1 70%
5 2 60%
5 3 70%
5 4 50%
5 5 60%
5 6 70%
5 7 50%
5 8 60%
5 9 50%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 2, 3, 5, 6 और 8, मूलांक 5 के साथ अच्छा संबंध बना रहे हैं। और बाकी भाग्यांक मूलांक 5 के साथ कम समन्वय बनाते हैं
अर्थात मूलांक 5 के साथ भाग्यांक 1, 3 और 6 का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत सबसे अधिक 70% है
अतः मूलांक 5 के साथ, भाग्यांक 4, 7 और 9 के भाग्य प्रतिशत, जो 50% है, सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।
(दोस्तों, मै आपको बता चुका हूं कि मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)
अतः 5 मूलांक और 4, 7 व 9 भाग्यांक का साथ परेशानी दायक है।

 

 मूलांक 6 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 6 के साथ भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें,
मूलांक 6 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
6 1 70%
6 2 40%
6 3 शून्य%
6 4 60%
6 5 70%
6 6 80%
6 7 60%
6 8 50%
6 9 20%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 4, 5, 6 और 7, मूलांक 6 के साथ अच्छा संबंध बना रहे हैं। और बाकी भाग्यांक, मूलांक 6 के साथ, कम समन्वय बनाते हैं
अर्थात मूलांक 6 के साथ, भाग्यांक 6 का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत, सबसे अधिक 80% है और सबसे बुरा संबंध भाग्यांक 3 के साथ है, जो शून्य है।
(दोस्तों, मै आपको बता चुका हूं कि मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। और जहां शून्य है वहां परेशानियां ज्यादा आती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)

 

 मूलांक 7 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 7 के साथ भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें,
मूलांक 7 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
7 1 60%
7 2 50%
7 3 70%
7 4 80%
7 5 60%
7 6 70%
7 7 30%
7 8 40%
7 9 40%
आपने देखा कि भाग्यांक 1, 3, 4, 5 और 6, मूलांक 7 के साथ अच्छा संबंध बना रहे हैं। और बाकी भाग्यांक, मूलांक 7 के साथ, कम समन्वय बनाते हैं
अर्थात मूलांक 7 के साथ, भाग्यांक 4 (राहु) का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत, सबसे अधिक 80% है और सबसे बुरा संबंध भाग्यांक 7 के साथ ही है, जो 30% है।
(दोस्तों, मै आपको बता चुका हूं कि मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। और जहां शून्य है वहां परेशानियां ज्यादा आती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)

 

 मूलांक 8 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 8 के साथ भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें,
मूलांक 8 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
8 1 शून्य%
8 2 शून्य%
8 3 50%
8 4 शून्य%
8 5 70%
8 6 60%
8 7 40%
8 8 20%
8 9 20%
आपने देखा कि भाग्यांक 5(बुध) और 6(शुक्र) ही मूलांक 8(शनि) के साथ अच्छा संबंध बना रहे हैं। और बाकी भाग्यांक, मूलांक 8 के साथ, कम समन्वय बनाते हैं
अर्थात मूलांक 8 (शनि) के साथ, भाग्यांक 1(सूर्य), 2(चन्द्र) और 4 (राहु) का भाग्य सपोर्ट प्रतिशत, शून्य है जो सबसे बुरा संबंध है।
(दोस्तों, मै आपको बता चुका हूं कि मूलांक के साथ भाग्यांक का % सपोर्ट जहां 50 या उससे कम है, वहां लाइफ में परेशानियां आ सकती हैं। और जहां शून्य है वहां परेशानियां ज्यादा आती हैं। बाकी 50 से ऊपर % सपोर्ट अच्छा होता है यानी लाइफ में उथल पुथल का अंदेशा कम रहता है, छूट पुट परेशानियां चलती रहती हैं जो लाइफ changing नहीं होती।)

 

मूलांक 9 का संबंध , 

भाग्यांक 1-9 के साथ देखेंगे। और मूलांक 9 के साथ भाग्यांक, कितने प्रतिशत, आपको सपोर्ट करते हैं, देखेंगे।
कृपया ध्यान पूर्वक देखें,
मूलांक 9 का संबंध:
मूलांक। भाग्यांक। % सपोर्ट
9 1 80%
9 2 20%
9 3 50%
9 4 20%
9 5 60%
9 6 20%
9 7 40%
9 8 20%
9 9 20%
आपने देखा कि भाग्यांक 1(सूर्य) और 5(बुध) ही मूलांक 9(मंगल) के साथ अच्छा संबंध बना रहे हैं। और बाकी भाग्यांक, मूलांक 9 के साथ, कम समन्वय बनाते हैं
अर्थात मूलांक 9(मंगल) के साथ, भाग्यांक 1(सूर्य) का भाग्य सपोर्ट 80% है जो सबसे अच्छा संबंध है।

Astro tips

 वैदिक ज्योतिष की सहायता से जन्म कूण्डली द्वारा जाना जा सकता है कि कौन व्यक्ति नशा कर सख्ता है व किस प्रकार का कर सख्ता है

    ग्रहो में राहु का प्रभाव दैत्य के समान है।यदि जन्म कूण्डली में राहु अत्यधिक बलशाली हो तो नशे की और व्यक्ति का रुझा दर्शाता है।
जितनी भि बूरी लत होती है उनका कारक राहु ही है।
यदि कूण्डली में लग्न,द्वितीय,सप्तम तथा द्वादस भावव में से किन्ही एक मे स्तिथ हो तो जातक नशा करने वाला होता है।
राहु का सबसे अधिक प्रभाव द्वितीय भाव मे होने पर होता पर पड़ता है क्योकि वह मुख का भाव होता है।राहु के द्वारा प्रदत्त नाशो मे धूम्रपान प्रथम स्थान पर होता है।।

     चन्द्रमा भी मादक पदार्थो व नशा का कारक माना गया है।सोमरस का नाम भी चन्द्रमा के नाम से ही है।चन्द्रमा सुगन्धित द्रव्यों का कारक ग्रह है।
 चन्द्रमा यदि कृष्ण पक्ष अष्ठमी से अमावस्या का यदि जन्म कूण्डली में स्तिथ हो और यदि लग्न या दूसरे भाव मे स्तिथ हो तथा 6,11 वे भावो के स्वामी का उस पर यूटिया दृष्टि द्वारा प्राभावि या राहु का प्रभाव हो टैसा जातकं भयंकर शराबी होता है।

   यदि मंगल ग्रह का प्रभाव लग्न पर हो तो जातक नशे के साथ माँस या अभक्ष्य भोजन का प्रयोग करता है वह जमाने की देखा देखी व संगत के प्रभाव से नशे की शुरुवात करते है।ऐसे जातक नशे में लड़ाई झगड़े व दंगा करते है।

     शुक्र ग्रह के प्रभाव वाले जातक भोग व आनन्द के लिए नशे की शुरुवात करते है।
   कुल मिलाकर नशे में ग्रहो में राहु,चन्द्र,मंगल,शुक्र के बलहीन व भावो मेलग्न,द्वितीय,सप्तम व द्वादस भावोके प्रभाव के कारण कूण्डली का जातक नशे की लत का आदि व न शेड़ी बनता है।

जिस जातक की कुंडली में एक या दो ग्रह नीच राशी में होते है और चन्द्रमा पीड़ित होकर शत्रु ग्रह में दूषित होता है उसमे मादक पदार्थो के सेवन की इच्छा प्रबल होती है |

—-द्वितीय भाव जिसे भोजन , कुटुंब , वाणी आदि का भाव भी कहा जाता है , के स्वामी की स्थति से भी उसके द्वारा मादक पदार्थो के सेवन का ब्यौरा मिल जाता है |

—–कलयुग में राहू शनि मंगल व् क्षीण चन्द्रमा ग्रहों की मानसिक चिन्ताओ को उजागर करने में आगे रहते है |

—–शुक्र की अपनी नीच राशी कन्या में मौजूदगी मादक पदार्थो के सेवन का प्रमुख कारण बनती है |

——नीच गृह लोगो को नशा कराते है , जिससे जातक अपने साथ ही साथ अपने परिवार को भी अपमानित कराता है |

जन्म कुंडली में राहु का अत्यधिक बलवान होना नशे की और व्यक्ति का रुझान दर्शाता हैं। जितनी भी बुरी लत हैं, उनका कारक राहु ही हैं। राहु यदि जन्म कुंडली के 1,2,7 तथा 12वें स्थान में स्थित हो तो जातक नशा करने वाला होता हैं।  राहु का सबसे अधिक प्रभाव दूसरे स्थान पर होने से पडता हैं।

चंद्र यदि लग्न या दूसरे स्थान पर हो तथा 6,11 स्थान के मालिक का उस पर प्रभाव हो या राहु का प्रभाव हो तो व्यक्ति भयंकर शराबी होता है।
 

खाने पीने का सम्बंध चंद्रमा से है और नशा का राहु से संबंध होता है जब कुंडली मे राहु प्रथम घर , दूसरे ,सातमे या बाहरवें घर मे हो या चंद्रमा, राहु के नक्षत्र आद्रा, स्वाति, शतभिषा में दोनों का बैठना इसके अलावा दूसरे घर के स्वामी का नीच होना या राहु के साथ बैठने का मतलब जातक नशे की और जाने का स्पष्ट संकेत देता है
जिस जातक की कुंडली मे 2या 3 ग्रह नीच होते है और चंद्रमा पीडित होकर शत्रु राशि मे हो , तोह उसमे मादक पदार्थो के सेवन की प्रबल इच्छा होती है ,
मेष लग्न , कुंभ लग्न, वृश्चिक लग्न , सिंह लगन वाले जातक की कुंडली मे राहु 6थे ,8वे ,12 वे घर मे हो तोह जातक शराब पीने का बहुत शौकीन होता है
12 में घर के मालिक का शत्रु राशि या नीच होना जातक को नशेड़ी बनाता है बशर्ते कोई शुभ ग्रह न देख रहा हो, कुंडली मे पंचम घर पर राहु की दृष्टि , या पीड़ित शनी की दृष्टि हो तब भी जातक नशे की और अग्रसर रहता है


वैसे अगर देखा जाए तो राहु केतु के प्रभाव में जो व्यक्ति आता है वह नशे का आदी होता है परंतु अकेला राहु सिर्फ धूम्रपान ही कराता है ना की शराब की लत लगा सकता है प्रथम द्वितीय छटा सातवा 11वां और 12वां यह अगर ग्रस्त हो तो जातक नशे का भी होता है राहु के साथ यदि चंद्रमा ग्रसित हो तो शराब की लत लग जाती है और यदि मंगल का प्रभाव लग्न पर हो और राहु से ग्रसित हो तो जातक मांसाहारी बनता है वह लड़ाई झगड़ा करता है उसे बुरी तरह नशे की लत लग जाती है और यदि शुक्र ग्रसित हो तो जातक आनंद प्राप्ति के लिए नशा करने लग जाता है लेकिन यह भाव जो बताए गए हैं वह राहु से ग्रसित होने चाहिए तभी जातक को नशे की लत लगती है।
सूक्ष्म में।


जब कुंडली मे लग्न /लग्नेश या चन्द्र लग्न से द्वितीय भाव / भावेश की दृस्टि या किसी भी प्रकार का सम्बन्ध शनि,राहु से बने बुध,गुरु भी पीड़ित अवस्था मे हो तो जातक नशे की ओर अग्रसर होता है इनमे भी अगर षष्टम भाव मे राहु हो ओर द्वितीय भाव को पीड़ित कर रहा हो तो जातक को नशे की लत हो जाती है ग्रहो की प्रकृति के अनुसार अलग अलग प्रकार के नशे की लत हो सकती है l

Repetition of number in Date of Birth

 जन्मतिथि में एक ही अंक का बार बार आना

-- अंक - 1
--जन्मतिथि में अंक 1, केवल एक बार आया है। ऐसे व्यक्ति अपनी आंतरिक भावनाओं को मुश्किल से व्यक्त कर पाते है।
-- अंक 1, दो बार आया है। ऐसा व्यक्ति खुद को आसानी से और धाराप्रवाह के साथ व्यक्त करने में सक्षम होता है।
-- अंक 1, तीन बार आया है। ऐसे व्यक्ति बहुत बातूनी होते हैं और अपने में मस्त रहते है। ये व्यक्ति आमतौर पर खुश रहते हैं।
-- अंक  1, चार से अधिक बार आया है। ऐसा व्यक्ति संवेदनशील और देखभाल करने वाला होता है जिसे अक्सर गलत समझा जाता है l

 जन्म की तारीख में 1 की अनुपस्थिति आत्मविश्वास में कमी और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। जैसे 23-7-2003

 अंक - 2
-----------
 -- अंक 2, केवल एक बार आया है, ऐसे लोग बहुत भावुक, संवेदनशील और सहज होते हैं और आसानी से आहत हो जाते हैं। वे लोगों से न्याय करने के लिए अपनी सहज क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम नहीं होते।
-- अंक 2, दो बार आया है। ऐसे लोग अत्यधिक बुद्धिमान, संवेदनशील और सहज होते हैं। और दूसरों के मकसद का आकलन आसानी से कर सकते हैं।
-- अंक 2, तीन बार आया है, ऐसे लोगों में संवेदनशीलता और अंतर ज्ञानता की अधिकता होती है, ये आसानी से आहत हो जाते हैं। और अपनी भावनाओं की दुनिया में ही रहना पसंद करते हैं।
-- अंक 2, चार से अधिक बार आया है। ऐसे व्यक्ति प्रतिक्रिया करने के लिए अधीर और इच्छुक होते हैं। ये बेहद संवेदनशील होते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं ताकि कोई उन्हें चोट न पहुंचा सके।

 जन्म की तारीख में 2 की अनुपस्थिति संवेदनशीलता और अंतर्ज्ञान में कमी दिखाती है। ऐसे व्यक्ति बार बार गलतियाँ करते हैं।

 अंक - 3
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-- अंक 3, केवल एक बार आया है। ऐसे लोग रचनात्मक, कल्पनाशील, प्रेरक और उत्कृष्ट स्मृति वाले होते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा आशावादी होते हैं।
-- अंक 3, दो बार आया है। ऐसा व्यक्ति रचनात्मक, कल्पनाशील और मानसिक रूप से बहुत सतर्क होता है। ऐसे लोग लेखक, कलाकार, अभिनेता, राजनीतिज्ञ आदि बन जाते हैं।
-- अंक 3, तीन बार आया है। ऐसे लोगों के पास उत्कृष्ट मानसिक क्षमता होती है लेकिन ये सपनों की दुनिया में रहते हैं। ऐसे लोग अच्छे अभिनेता हो सकते हैं।
--अंक 3, चार बार आया है। 3 से 9 तक के अंक अधिकतम 4 बार आ सकते हैं। ये लोग अव्यावहारिक, अत्यधिक कल्पनाशील और भयभीत होते हैं। यही कारण है कि ये रोजमर्रा की जिंदगी में अच्छी तरह से काम करने में दिक्कतें महसूस करते हैं।

 जन्म की तारीख में 3 की अनुपस्थिति, व्यक्ति में विश्वास की कमी और अभिव्यक्ति में अक्षमता को दर्शाता है।

 अंक - 4
---------
-- अंक 4, केवल एक बार आया है, ऐसे
लोग व्यावहारिक, मेहनती और संतुलित होते हैं। ये एकल 4 वाले लोग संगीत और हस्तकला से प्यार करते हैं।
-- अंक 4, दो बार आया है। ऐसे लोगों की शारीरिक और भौतिकवादी गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा होती है। इनके पास उत्कृष्ट संगठनात्मक कौशल होता है।
-- अंक 4, तीन बार आया है, ये लोग अच्छी तरह से संगठित, आत्म अनुशासित और कड़ी मेहनत करने वाले होते हैं। ये लोग गलत क्षेत्रों में काम करने वाले और अपनी प्रतिभा को पहचानने में असफल होते हैं।
-- अंक 4, चार बार आया है। ये लोग पूरी तरह से शारीरिक गतिविधियों में डूब जाते हैं।

 जन्म की तारीख में 4 की अनुपस्थिति, व्यक्ति में, व्यावहारिकता और समय की पाबंदी की कमी, को दर्शाता है।

 अंक - 5
-------------
--अंक 5, केवल एक बार आया है। ऐसे लोग संतुलित, दयालु, समझदार और देखभाल करने वाले होते हैं। ऐसे लोग दूसरों को प्रेरणा देते हैं और प्रेरित करते हैं।
--अंक 5, दो बार आया है। ऐसे लोग तीव्र, दृढ़ निश्चयी और उत्साह से भरपूर होते हैं। कभी कभी ये अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाते और उग्र होकर घर और ऑफिस का माहौल खराब कर लेते हैं।
-- अंक 5, तीन बार आया है। ऐसे लोग बिना सोचे समझे बोल जाते हैं और दूसरों को भावनात्मक चोट पहुंचा देते हैं। इन्हें अपनी ऊर्जा को ध्यानपूर्वक लगाना चाहिए। इन्हें रोमांच, परिवर्तन, उत्तेजना और अक्सर अनावश्यक जोखिम उठाना पसंद है।
-- अंक 5, चार बार आया है। 3 से 9 तक के अंक अधिकतम 4 बार आ सकते हैं। यह संयोजन खतरनाक है क्योंकि यह दुर्घटनाओं की क्षमता प्रदान करता है। ऐसे लोगों को कार्य करने से पहले धीमा और सोचने की जरूरत है।

 --जन्म की तारीख में 5 की अनुपस्थिति, ऐसे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कठिनाई और बहुमुखी प्रतिभा की कमी महसूस करते हैं।

 अंक - 6
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--अंक 6, केवल एक बार आया है, ऐसे
लोग घरेलू और परिवार से प्यार करने वाले होते हैं। ये अच्छे संरक्षक होते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
--अंक 6, दो बार आया है। ऐसे लोग बिना बात घर और परिवार के लिए चिंतित रहते हैं। और उनके प्रति अत्यधिक सुरक्षात्मक रवैया रखते है।
-- अंक 6, तीन बार आया है, ये लोग अपने नजदीकियों के प्रति अधिक सुरक्षात्मक होते हैं। ये जीवन में नकारात्मक दृष्टि रखते हैं ना कि सकारात्मक सोच। यही नकारात्मकता इन्हें जीवन में परेशानी पैदा करती है।
-- अंक 6, चार बार आया है। ऐसे लोग अत्यधिक रचनात्मक होते हैं और अपनी ऊर्जा का पूर्णतया उपयोग नहीं कर पाते।
 

--जन्म की तारीख में 6 की अनुपस्थिति, ऐसा व्यक्ति अपनी अंदरुनी भावनाओं को दूसरों से छुपाता है और अपने संबंधों में परेशानियां अनुभव करता है।

 अंक - 7
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--अंक 7, केवल एक बार आया है। ऐसे लोग प्यार में नाकामी, कब्जे या स्वास्थ्य के नुकसान के माध्यम से सीखते हैं। यही नुकसान इन्हें आध्यात्मिक संसार से जुड़ने को प्रेरित करते हैं।
-- अंक 7, दो बार आया है। ऐसे लोग प्यार, स्वास्थ्य या पैसा खो कर ज्ञान और ज्ञान में वृद्धि करते हैं। यही इन्हें आध्यात्मिक विश्व की ओर ले जाता है।
-- अंक 7, तीन बार आया है। ऐसे लोग प्रेम, स्वास्थ्य और पैसे के क्षेत्र में निराशा और असफलता के कारण उदास जीवन व्यतीत करते हैं। इन्हीं निराशाओं के चलते ये लोग अपनी अंदरुनी शक्ति को बढ़ाते हैं।
-- अंक 7, चार बार आया है। ये लोग, उपरोक्त एकल 7 की ही तरह, प्यार में नाकामी, कब्जे या स्वास्थ्य के नुकसान के माध्यम से सीखते हैं।

जन्म की तारीख में 7 की अनुपस्थिति, ऐसे व्यक्ति अपने आपको अव्यवस्थित और अधूरा महसूस करते हैं। और इनका आध्यात्मिक जीवन से कोई लगाव नहीं होता।

 अंक - 8
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-- अंक 8, केवल एक बार आया है, ऐसे
लोग कर्तव्यनिष्ठ और अच्छा व्यवहार करने वाले होते हैं। ये बेचैन और सक्रिय दिमाग के साथ लगातार चुनौतियों को पसंद करते हैं।
-- अंक 8, दो बार आया है। ऐसे लोग अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ होते हैं, और किसी पर विश्वास ना कर ये स्वयं अनुभव करना पसंद करते हैं l
-- अंक 8, तीन बार आया है, ये लोग बेचैन और कर्तव्यनिष्ठ होते हैं और जीवन में इच्छित उद्देश्य को बहुत जल्द पा लेते हैं। यह लोग व्यापार और वित्त क्षेत्र में निपुण होते हैं l
-- अंक 8, चार बार आया है। ऐसे लोग जीवन में विविधता और बदलाव पसंद करते हैं। अगर इन्हें काम अपनी पसंद का मिल जाए। तो ये असाधारण सफलता प्राप्त करते हैं।

 जन्म की तारीख में 8 की अनुपस्थिति, ऐसा व्यक्ति वित्त संबंधी कार्यों में कमजोर होता है, यही कमजोरी और दूसरों पर अति विश्वास उसे कई बार बहुत नुकसान पहुंचाता है।

 अंक - 9
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-- अंक 9, केवल एक बार आया है, ऐसे लोग महत्वकांक्षी और दयालु होते हैं। और हर समय अपने में सुधार लाने की तीव्र इच्छा रखते हैं l

-- अंक 9, दो बार आया है। ऐसे लोग आदर्शवादी, देखभाल करने वाले और दूसरों के प्रति आलोचनात्मक होते हैं। और कई बार अपनी बुद्धिमत्ता द्वारा लोगों को नीचा भी दिखाते हैं।

-- अंक 9, तीन बार आया है, ये लोग आदर्शवादी, देखभाल करने वाले और बुद्धिमान होते हैं। और मुश्किल परिस्थितियों में ये बहुत जल्द परेशान हो जाते हैं।

-- अंक 9, चार और चार से अधिक बार आया है। ऐसे लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं। और अपने ख्यालों की दुनिया में ही रहना पसंद करते हैं। अगर ये अपनी शक्ति का पूर्ण प्रयोग करें तो ये असाधारण सफलता प्राप्त करते हैं।

 जन्म की तारीख में 9 की अनुपस्थिति, ऐसे व्यक्ति दूसरों की भावनाओं और जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं ।

Chaldean Meaning of Name Compound Number

  • Read here From Ten to Sixty at a Glance 
  • Name Compound Numbers :

    ▪️10 - Wheel of Fortune
    ▪️11 - A Clenched Hand
    ▪️12 - The Sacrifice
    ▪️13 - Skeleton of Death (The Power)
    ▪️14 - The Speculation (Caution & Prudence)
    ▪️15 - Magic and Mystery
    ▪️16 - The Sheltered Citadel
    ▪️17 - No. of Immortality (Peace & Love)
    ▪️18 - The Revolution (Dangerous/ Quarrels)
    ▪️19 - The Prince of Heaven
    ▪️20 - The Awakening
  •  ◆ 21 - The Crown / The Universe
    ◆ 22 - Illusion and Delusion
    ◆ 23 - A Promise of Success
    ◆ 24 - Gain and Love (The Fortune)
    ◆ 25 - Success through Strife and Trials
    ◆ 26 - The Gravest Warnings
    ◆ 27 - The Productive Intellect
    ◆ 28 - Full of Contradictions
    ◆ 29 - Deception and Tribulations (Uncertainties)
    ◆ 30 - Mental Superiority
  •  ▪️31 - Lonely and Isolated
    ▪️32 - No. of Magical Power
    ▪️33 - Spiritual Enlightenment and Abundant Wealth
    ▪️34 - Succumb to Sensuous Pleasure
    ▪️35 - Fickle Minded
    ▪️36 - No. of High Position & Success
    ▪️37 - No. of Unexpected Success
    ▪️38 - Rapid Development with Various Difficulties
    ▪️39 - Sincere & Invariably
    ▪️40 - The Pathetic End
  •  ◆41 - Renowned Achiever & Controller
    ◆42 - Thrifty Bent of Mind
    ◆43 - Great Obstacles & Revolutionary
    ◆44 - Comfortable Outside Prison
    ◆45 - No. of Fame & Wealth
    ◆46 - Crowned Head
    ◆47 - Restless
    ◆48 - Public Welfare
    ◆49 - Kindles the Power of Imagination
    ◆50 - No. of Intelligence & Excellence
  •  🌸51 - Sudden Progress
    🌸52 - No. of Problem Solver
    🌸53 - To Earn Prestige and Popularity
    🌸54 - No. of Prestige and Prosperity
    🌸55 - The Epitome of Will Power
    🌸56 - Full of Winders
    🌸57 - No. of Success, but Sudden Downfall
    🌸58 - The Power to Captivate
    🌸59 - The Humor King
    🌸60 - Skilled Conversationalists
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HOW TO CALCULATE KUA NUMBER ?



Kua number chinese solar calendar par based hai jiska upyog fengshui mein lucky direction ko janne ke liye kiya jata hai.
Kua number calculate karne ke liye sabse pehle apne birth year ke sabhi anko ka total karke single digit mein le aaye,
Ab jo bhi single digit number aaya usko agar aap male hain to 11 mein se ghata de agar aap female hain to birth year ke single digit mein 4 add kar de ab jo bhi ank aaye agar wo dubble digit mein hai to usko single me le aaye wahi aapka kua number hai.

Ex :- maan lijiye kisi ka birth year 1985 hai to ham 1985 ke sabhi anko ka total kar lete hain 1+9+8+5=23=5 aaya ab agar ye male hai to 11 me se 5 ko ghata denge 11-5=6 male ke liye kua number 6 hua.
Agar ye ek female hai to 4 ko aad karna hai to 5+4=9 kua number hua female ke liye.

Kua number ke according 4 direction aapke liye lucky aur 4 direction unlucky hoti hai.
Kua number ko 2 group mein banta gaya hai,
EAST group aur WEST group,

EAST Group kua number =1,3,4,9
WEST Group kua number =2,6,7,8

Ab aap dekhiye aapka kua number kis group mein aata hai agar EAST group mein aata hai to EAST group me aane wale sabhi direction aapke liye lucky hoga aur agar aapka kua number west group mein aata hai to west group mein aane wale sabhi direction aapke liye lucky honge.
Aaiye jante hain EAST aur WEST group me aane wale direction kon kon se hain.

EAST group- N, S, E, SE

WEST group- W, SW, NW, NE

Maan lijiye aapka kua number 3 hai to dekhiye 3 EAST group mein aata hai to EAST group me aane wale sabhi direction aapke liye lucky honge.

Note- Kua number 5 agar aaye to male ke liye kua 2 aur female ke liye kua 8 mana jaega