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15 January 2008
करियर से भी है वास्तु का गहरा संबंध
आधुनिक युग में हर व्यक्ति बेहतर भविष्य, सामाजिक प्रतिष्ठा एवं अच्छे करियर की प्राप्ति की दिशा में सदा प्रयासरत रहता है। हर व्यक्ति अपनी शिक्षा, आर्थिक स्थिति एवं शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार अपने करियर के प्रति जागरूक एवं प्रयत्नशील रहता है। कुछ समय पहले तक करियर शब्द का सीमित अर्थो में ही प्रयोग किया जाता रहा है, जैसे कि शिक्षा प्राप्ति के बाद अपने-अपने भविष्य के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक शैक्षिक स्तर पर उच्च शिक्षा को कुछ इस प्रकार योजनाबद्ध तरीके से व्यवस्थित करना, जिससे कि हमारी युवा पीढी अच्छा धनोपार्जन करके समाज में सम्मानजनक ढंग से जीवन व्यतीत कर सके। परंतु आज आधुनिक युग में करियर शब्द को किसी विशेष आयु वर्ग से बांधना न तो संभव है, न ही तर्कसंगत क्योंकि करियर एक व्यापक शब्द है व इसे प्रत्येक आयु एवं सामाजिक स्तर के साथ जोड कर देखा जाना चाहिए। अपने पूरे परिवार के करियर को उज्जवल बनाने के लिए किए जाने वाले विभिन्न प्रयत्नों के साथ यदि घर को व्यवस्थित करने में वास्तुशास्त्र के आधारभूत नियमों का भी रखा जाए तो इससे भविष्य को संवारने में काफी मदद मिल सकती है।
वास्तुशास्त्र में किसी भी मकान या कमरे की उत्तर दिशा को करियर से सम्बद्ध दिशा माना गया है। इसके साथ ही जीवन की बेहतरी का संबंध भवन की पूर्व दिशा से है। ज्ञान एवं बौद्धिक विकास में सहायक ग्रह गुरु, यानी बृहस्पति की दिशा है-पूर्वोत्तर। इस दिशा में ईशान कोण स्थित होता है। वास्तु की दृष्टि से यदि आप अपने मकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान की इन तीनों दिशाओं से संबंधित कुछ बातों का थोडा भी ध्यान रखें तो वह आपके लिए बहुत कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है।
1. घर की उत्तर दिशा की सफाई का विशेष ध्यान रखें व वहां कोई कूडा-कचरा, डस्टबिन, शू-रैक आदि न रखें।
2. पढते-लिखते समय सदा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
3. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते समय भी इन्हीं दिशाओं में अपना मुख करके पढाई करना चाहिए। इसके लिए आपको अपनी स्टडी टेबल की सेटिंग भी ठीक करनी पडेगी।
4. रोज प्रात: बिस्तर से उठकर सबसे पहले घर की उत्तर एवं पूर्व की दिशाओं की खिडकियां व दरवाजे खोलें।
5. घर की उत्तर दिशा की लॉबी या बैलकनी में एक सुंदर-सा छोटा वॉटर फाउंटेन रखें व इसे रोज सुबह एक-दो घंटे तक जरूर चलाएं।
6. उत्तर दिशा को बेहतर करियर के उद्देश्य से प्रभावशाली बनाने के लिए िफश एक्वेरियम का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एक समय में कम से कम नौ की संख्या में गोल्ड फिश होनी चाहिए, जिनमें से कम से कम एक काले रंग की भी होनी चाहिए।
7. यदि स्थान या साधन की कोई मजबूरी हो तो आर्टिफिशियल िफश एक्वेरियम का प्रयोग करना भी करियर में सहायक होता है।
8. यदि घर की उत्तर दिशा में कोई फिश एक्वेरियम या वॉटर-फाउंटेन लगाना संभव न हो तो दीवार पर जल का चित्र या दृश्य भी लगाया जा सकता है। परंतु अच्छा यह होगा कि चित्र में लगातार बहता हुआ जल ही प्रदर्शित किया गया हो, जैसे पहाडी झरना, नदी, सागर तट की लहरें, फव्वारा आदि। यहां रुके जल के चित्र नहीं लगाने चाहिए। जैसे- तालाब, कुआं, जोहड आदि।
9. उत्तर दिशा के साथ तालमेल रखने वाले नीले रंग का प्रयोग इस दिशा में स्थित कमरों की दीवारों पर करवाएं। इससे परिवार के सदस्यों की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है व यह सभी के जीवन में करियर व रोजगार के उत्तम साधन लाता है। यह प्रयोग के पहले से चलते हुए व्यवसाय या करियर में भी लाभ दिलाता है व परिवार के अन्य सदस्यों का भविष्य उज्जवल करता है।
10. यदि आपको अपने बिजनेस के संबंध में या बच्चों को शिक्षा, खेल-कूद, कला, सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से कुछ प्रशंसा पत्र, मेडल, ट्रॉफी या कोई स्मृतिचिह्न मिले हों तो इन सभी को अपने कमरे या ड्राइंग रूम की उत्तर दिशा की दीवार पर बने ऐसे शो केस में सजाएं, जिसमें पीछे की दीवार की ओर शीशा लगा हो। इससे शीशे का दुगना करने वाला प्रभाव उपलब्धियों में दिन दुगनी व रात चौगुनी वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगा।
11. अगर आप विदेशों में बेहतर भविष्य की संभावनाएं तलाश रहे हैं तो अपने टेबल पर एक ग्लोब रखें या दक्षिण दिशा की दीवार पर विश्व का मानचित्र लगाएं।
12. चाइनीज वास्तुशास्त्र फेंगशुई के अनुसार घर की उत्तर दिशा में धातु या क्रिस्टल का बना एक छोटा, सुंदर-सा कछुआ कुछ इस प्रकार रखें कि उसका मुख सदा पूर्व दिशा की और पूंछ पश्चिम दिशा में हो। इससे करियर के विकास में बहुत सहायता मिलती है।
13. उत्तर दिशा में शोपीस के तौर पर जंपिंग फिश, डॉल्फिन या मछलियों के जोडे का प्रतीक भी किसी हलके शोकेस या दीवार पर सजाना, युवा पीढी के बौद्धिक स्तर में निखार लाकर उन्हें सकारात्मक शक्ति प्रदान करता है।
14. यदि आप अपने घर से कोई बिजनेस, कारोबार आदि करते हों या फिर ऑफिस में बैठकर कार्य करते हों तो ध्यान दें कि आपकी पीठ के पीछे ठोस दीवार जरूर हो। वहां कोई खिडकी या दरवाजा है तो वह आपको अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में पिछड जाने का कारण बन सकता है। इससे भविष्य में अनेकों बाधाएं भी आ सकती हैं। यदि किसी कारणवश पीठ के पीछे की खिडकी को बंद करके ठोस दीवार बनाना संभव न हो तो ऐसे में आप या तो अपनी टेबल को घुमा कर दूसरी ओर लगा लें या फिर उपरोक्त खिडकी पर कोई भारी पर्दा या ब्लाइंड्स आदि लगवा दें।
15. अपने व्यवहार को सकारात्मक बनाने के लिए क्रिस्टल या रोज क्वार्ट्स (गुलाबी रंग के सेमी प्रेशियस स्टोन्स) के शो पीस को कक्ष के पूर्वोत्तर के ईशान कोण में रखें।
16. अपने स्टडी रूम के बाहर बैलकनी, गैलरी में कुछ अच्छे पौधे लगाएं। नित नए फूलों से भरे पौधे पहली नजर में ही जीवन में नई आशा और स्फूर्ति भर देते हैं। लेकिन कैक्टस और बोनसाई न लगाएं क्योंकि ये पौधे नकारात्मक प्रभाव डालकर करियर के विकास में बाधक होते हैं।
17. रोज सुबह उगते हुए सूर्य को प्रणाम करें व दोनों हाथों में जल ले कर उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक संकल्प को बार-बार मन में दोहराएं और ईश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको शारीरिक, आत्मिक एवं बौद्धिक क्षमता दे, ताकि आप बडी से बडी व कठिन बाधाओं को लांघते हुए अपने मनोवांछित लक्ष्य को प्राप्त कर लें। अगर आप अपने जीवन में वास्तुशास्त्र के इन आधारभूत नियमों को व्यवहार में लाने की कोशिश करेंगे तो निश्चित रूप से इसका आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा।
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1 comment:
बहुत खूब
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